गुलशन महक गया आदाब आया,
महफ़िल में फिर वो बेनकाब आया.
मुझसे लोगों ने पूछा नाम उसका,
लबों पे न मेरे कोई जवाब आया.
अरमा उतर आयेंगें कागज पे ,
साकी ले के प्याला शराब आया.
खैर जिंदगी की मैं मांग लूँ,
याद उसका जादुई शबाब आया.
कसक उठी दिल में चाहत की,
इक नाम सदा में जनाब आया.
मेरी आवारगी देख हँसा वो,
आशिक का मुझे ख़िताब आया.
Saturday, February 13, 2010
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gajab ji gajal hai ...bahut khoob
ReplyDeleteमेरी आवारगी देख हँसा वो,
आशिक का मुझे ख़िताब आया.