Saturday, February 20, 2010

रेशमी जुल्फें उलझाये हुये रखना

रेशमी जुल्फें उलझाये हुये रखना,
इंतजार में दिल बहलाये हुये रखना.

जब आऊंगा घर वापस शब में,
हर मसले को सुलझाये हुये रखना.

मिलने की गहरी प्यास होगी,
बाँहों को अपनी फैलाये हुये रखना.

बारिश में भिगूँगा संग तेरे,
घटाओं को थोड़ा ठहराये हुये रखना.

तेरी आवाज़ में सुनूंगा नगमा,
गीत लबों पे दोहराये हुये रखना.

हँसती हो तो अच्छी लगती हो,
हँसी से चेहरा चमकाये हुये रखना.

सुकूं होगा दहलीज़ पे निहार कर,
धीरे से कदम शरमाये हुये रखना.

1 comment:

  1. gr8 lucky........keep it up fren

    It's me.......

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