कम हो रही हर पल जिंदगी एक दिन सब गुज़र जायेंगे,
सजा लो सपने देख लो सपने इक रोज़ सब बिखर जायेंगे.
बुजदिल भी हैं यहाँ, ज़िन्दादिलों की भी कोई कमी नहीं,
जो टूटा दिल लिए फिर रहे उनसे पूछो वो किधर जायेंगे.
अजीब ये दुनिया कभी रोते आना बिना बताये फिर जाना,
आज जो हमारे इतने करीब एक दिन छोड़ वो घर जायेंगे.
मायने तलाशता हूँ कभी-कभी वजूद क्या चीज़ होती है,
आज सब बोल रहे, ख़ामोशी लिए एक रोज़ मर जायेंगे.
तभी कहते हैं एक-एक पल को खुल कर तुम सब जियो,
जाने वाले कुछ कर यहाँ हसी यादों से आँखें भर जायेंगे.
मरने से तुम डरना नहीं, यूँ तो मरेंगे एक रोज़ हम भी,
पर जाने से पहले दोस्तों तुम्हें कर जरुर खबर जायेंगे.
Friday, January 15, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मायने तलाशता हूँ कभी-कभी वजूद क्या चीज़ होती है,
ReplyDeleteआज सब बोल रहे, ख़ामोशी लिए एक रोज़ मर जायेंगे.
waah lucky .... bahut hi badiya likha tarif ke liye shabd nahi .... god bless you
पास ए दिवार खड़े है उनका क्या ले लेते है
ReplyDeleteदेख लेते है और मन की आह मिटा लेते है