आग लगी, मैं जला, बोले वो ये हम हैं,
मैं जला, जो ना जले वही तो मेरे गम हैं.
मिटाना चाहो तो हमें मिटा दो यार तुम,
सहा नहीं जाता मुझसे बुरे ये सितम हैं.
देखना चाहो तो देख लो वो गहरे निशां,
आगे बढ़ क्यों सहमे से तेरे कदम हैं.
इत्तेफाक रखते हो दो पल की जिंदगी से,
वक्त का क्या भरोसा दो पल के सनम हैं.
किस्मत वालों को नसीब होगी जन्नत,
जी रहे हो जीओ ये मालिक के करम हैं.
रोना क्या, आसूं बहाना है तुम्हें क्यों,
इस जनम जो ना मिले आगे भी जनम हैं.
Thursday, January 14, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
nice
ReplyDelete