Friday, January 8, 2010

अगर अहसास हैं मुझ जैसे, तो इक बार तू ये नज़ारा देख


अगर अहसास हैं मुझ जैसे, तो इक बार तू ये नज़ारा देख,
हो सके तुझसे तो हर मंज़र में, तू केवल नाम हमारा देख.

हम तो दीवाने हैं जियेंगें भी और तेरी नज़र में मरेंगें भी,
ज़रा गौर से देख मुझे तेरी चाहत की चाह का मारा देख.

हूँ मनमौजी तो क्या हुआ, दिल सच्चा मेरा आसमां सा,
ईश्क में डूब गया, हूँ कैसा बदनाम आज इक आवारा देख.

मुझ जैसा ना मिला होगा, ना ही मिलेगा तुझे शायद कभी,
आरजू लेकर आयी सपनों की महफ़िल का सेज सारा देख.

तेरे ख्वाबों में आऊंगा एक रोज़ तेरी नीदें ज़रूर चुराऊंगा,
आँखों में सूरत है तेरी, चमक रहा खुबसूरत सितारा देख.

मैं नहीं कहता मेरी राह के तस्सवुर सजा तू ए दिलबर,
हो सके तो मेरी इस अनदेखी सी शक्ल को दोबारा देख.

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