Saturday, April 10, 2010

काँटों की राहें, नये-नये याराने मिले

काँटों की राहें, नये-नये याराने मिले,
हर मोड़ पर ज़ख्म वही पुराने मिले.

चाहा था छोड़ दूंगा तेरा साथ साकी,
पर हर गली पर फिर तेरे मैखाने मिले.

दिल को जब प्यास लगी ईश्क की,
तो दर्द-ओ-गम से भरे पैमाने मिले.

जब कदम चले उस मंजिल की ओर,
महफ़िल के सारे चेहरे बेगाने मिले.

किस्मत ने भी आंसू बहाए खुद पर,
उसे बेकिस्मती के वो फ़साने मिले.

कभी हँसे तो कभी उदास रहे हम,
हसरतों के कहाँ किसको ज़माने मिले.

1 comment:

  1. behad khooobsoorat gajal hai lucky ji ....

    hmm aapne new blog bana liya or mujhse bahut si gajle miss ho gayi..deshbord par jo nahi aa rahi thi heheehe..
    khair bahut khoob likhi hain aapne sabhi gajle :)

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